राजाजीपुरम के बाथम चौराहा,अंकुर नर्सिंग होम,टेम्पो स्टैंड,गुरुद्वारा चौराहा,रूपम चौराहा तथा जलालपुर क्रासिंग के पास इकठठा कुत्तो के झुंडों को भोजन कराती है।ललिता ने बताया कि वह अपने पैसों से काफी समय से ऐसा कर रही।उनके जुनून को देख कर पड़ोस में रहने वाली शिक्षिका ने भी उनका साथ दिया तो हौसला और बढ़ गया।अब दोनों लोग अपनी स्कूटी से बाल्टी और गाड़ी में सामग्री भर कर रात में अपने मिशन पर निकल लेती है।
ललिता और स्रष्टी बनी बेजुबानो का सहारा