लखनऊ। यहियागंज गुरुद्वारा में सिखों के नौवें गुरु गुरुतेग बहादुर साहिब का शहीदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। वह सन 1670 में यहाँ आए थे एवं 3 दिन रुके थे।इस मौके पर शबद कीर्तन के साथ लंगर भी बटा।
शुरुआत सुखमनी साहिब के पाठ से हुई ततपश्चात भाई गुरमीत सिंह ने एवं दरबार सा


हिब अमृतसर से आए रागी भाई दलबीर सिंह एवं लुधियाना से आए भाई पवनदीप सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा संगतों को निहाल किया एवं पटना साहब से आए ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ने गुरु तेग बहादुर साहिब के जीवन पर प्रकाश डाला। रात्रि 11:00 बजे दीवान की समाप्ति पर गुरु का लंगर वितरित हुआ।
कमेटी के अध्यक्ष डॉ गुरमीत सिंह ने बताया कि गुरु साहिब की शहीदी के वक्त प्रातः 11:00 बजे गुरु ग्रंथ साहिब के ऊपर फूलों की वर्षा हुई। दशमेश पब्लिक स्कूल के बच्चों के सूफी ग्रुप ने शबद गुरबाणी का गायन कर संगतों को निहाल किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गुरुद्वारा साहब आकर गुरु को माथा टेका। ज्ञानी परमजीत सिंह, ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर, डॉ गुरमीत सिंह और सचिव एवं मीडिया प्रभारी मनमोहन सिंह हैप्पी ने मुख्य सचिव को गुरु घर का सत्कार शाॅल, सिरोपा एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को शत-शत नमन कर गुरु गोविंद सिंह के हस्त लिखित हुकमनामा साहिब एवं गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन किए एवं गुरु घर का लंगर छका। जिसमे निर्मल सिंह, मनमोहन सिंह सेठी एवं लखनऊ के सभी गुरुद्वारा साहिब एवं धार्मिक सोसाइटी शामिल थे।