लखनऊ। वेतन विसंगति और कैडर पुनर्गठन जैसी मांगों के पूरा नहीं होने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की है। महामंत्री अतुल मिश्रा ने चेताया है कि अब कर्मचारियों के सब्र की सीमा समाप्त हो रही है।इसलिए प्रदेश में कार्यरत सभी कर्मचारी परिषद की ओर से घोषित आंदोलन में भाग लेंगे। 21 नवंबर को सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
श्री मिश्रा ने बताया कि फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, आप्टोमेट्रिस्ट ,प्रयोगशाला सहायक, बेसिक हेल्थ वर्कर,गन्ना पर्यवेक्षक,ग्राम विकास अधिकारी आदि कई अन्य संवर्ग की वेतन विसंगति के संबंध में राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दो वर्ष पूर्व प्रस्तुत की जा चुकी है। परंतु अभी तक उस पर निर्णय कर शासनादेश जारी नहीं किये जाने से कर्मचारियों का मनोबल कमजोर हो रहा है। परिषद के पदाधिकारियों के मुताबिक विभिन्न संवर्गों के उच्च पदों पर पदोन्नतियां नहीं हो पा रही है। मूल पद रिक्त पड़े हुए हैं। जिन पर नियुक्तियां ना होने से जनता को उचित स्वास्थ्य, परिवहन, ग्राम विकास, ग्राम पंचायत, समाज कल्याण, कृषि, वन, सिंचाई आदि विभागों के कर्मचारियों को सुविधाएं देने में परेशानियां हो रही हैं।