लखनऊ। हास्य व्यंग्य के कवि पण्डित बेअदब लखनवी की दादी मां दौलत देवी की 14वीं पुण्यतिथि की स्मृति में सिटी कान्वेंट स्कूल, राजाजीपुरम, में आयोजित कवि-सम्मेलन एवं मुशायरे और सम्मान समारोह में शिक्षाविद एवं समाज सेविका अनुराधा उपाध्याय को दौलत देवी स्मृति संस्थान द्वारा सशक्त महिला सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया । अनुराधा उपाध्याय ने स्वर्गीय राजेश उपाध्याय की 95 प्रतिशत किडनी खराब होने के बावजूद उन्हें अपनी सेवा व गहन देखभाल से 20 वर्ष तक जीवित रक्खा जो कि चिकित्सा जगत के इतिहास में एक आश्चर्यजनक कृत्य साबित हुआ । जिसके लिए अनुराधा को संस्था द्वारा "युग सावित्री " की उपाधि भी प्रदान की गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अरूणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल डा माता प्रसाद मित्र , विशिष्ट अतिथि डा एस डी शर्मा, मुख्य अतिथि जनाब सय्यद मुहम्मद हसीब, संरक्षक केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, कुर्सी रोड, लखनऊ के उपनिदेशक डा मकबूल अहमद खान, अति विशिष्ट अतिथि दूरदर्शन केंद्र, लखनऊ के आत्म प्रकाश मिश्र वह डॉक्टर अजय प्रसून ने अनुराधा की प्रशंसा करते हुए उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी ।
गंगा जमुनी तहजीब के प्रतीक कवि सम्मेलन व मुशायरा का आरंभ छन्दकार एवं वरिष्ठ कवि सम्पत्ति कुमार मिश्र की वाणी वन्दना व अल्का अस्थाना के कुशल संचालन व दादी मां को पुष्पांजलि से हुआ ।
प्रतिभागी समस्त साहित्यकारों को सारस्वत सम्मान से सम्मानित करते हुए अनुराधा उपाध्याय ने "वो कच्चे कच्चे झगड़े वो पक्के सुलह नामे" पढकर अपनी जिंदगी के सुनहरे पलों की छठा बिखेरी तो पण्डित बेअदब लखनवी ने "यूं तो लाखों हैं बेअदब लेकिन, हमारे होगा नहीं जमाने में" पढकर श्रोताओं का दिल जीत लिया ।
पण्डित विजय लक्ष्मी मिश्रा ने "मां के कदमो तले हम को जनन्त लगे, अपनी ममता से चारों धाम कराती हमें" पढकर मांग की महिमा का बखान किया ।
जनकवि सिद्धेश्वर शुक्ल "क्रांति " ने मैंने जनता जन को जगाने की कसम खाई है, स्वर्ग धरती पर बसाने की कसम खाई है " पढकर तालियां बटोरी ।
कवि धनेश मिश्र, प्रेम शंकर शास्त्री बेताब, अधीर पिण्डवी, कृष्ण नन्दी राय, राम कुमार सरोज, महेश अष्ठाना प्रकाश, भारती अग्रवाल पायल, अल्का अस्थाना, सुधीर त्रिपाठी असर, गोबर गणेश, गोदी लाल श्रीवास्तव गांधी, शायर डा मेहदी हसन फहमी, रईस रहमानी सहित सभी शायरों व कवियों ने अपने कलाम पेश किया ।

