शांतिमय आनंदमय जीवन के लिए आत्मज्ञान आवश्यक है

लखनऊ।रामाश्रय सत्संग मथुरा का त्रिदिवसीय आंतरिक सत्संग समारोह राजाजीपुरम के ई ब्लॉक स्थित सत्सग पार्क में चल रहा है।जिसमे कई हिंदी भाषी प्रदेशो के सैकड़ो साधको ने उपस्थित होकर ध्यान,चिंतन और साधना की।
          इस अवसर पर टूंडला से आये आचार्य प्रभु दयाल शर्मा ने साधको से कहा कि भौतिक ज्ञान और संपदा जीवन को आनंदमय बनाते है न कि शांतिमय।शांतिमय आंनदमय जीवन के लिए आत्म ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है।ध्यान से विकार दूर होते है और विचार बदलते है एवम आचार्य कृष्ण कांत शर्मा ने भी अपने विचार रखे।
           कार्यक्रम के व्यवस्थापक प्रेम शंकर और विष्णु शंकर  ने बताया कि समारोह में उ. प्रदेश के काफी जिलो के अलावा एम पी,राजस्थान,विहार,दिल्ली आदि जगहों से सैकड़ो को संख्या में पुरुष और महिला साधक पहुचे है।जिनके खाने पीने,रहने और चिकित्सा की  व्यवस्था की गई है।
      समारोह के संयोजक के सी श्रीवास्तव और विमल केसरी के अनुसार भजन,प्रवचन और आंतरिक साधना का कार्यक्रम सुबह और सायं 8.30से 10.30 बजे तक होगा।