अपने निजी कामों से घूमने-फिरने की सूचना आरटीआई में देने की अपील



लखनऊl स्टेशनरी खर्चे और सरकारी गाड़ियों की लॉग बुक्स की जानकारी आरटीआई में
नहीं देने वाले यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अब कार्य समय
में सरकारी काम करने की जगह निजी काम से अदालतों में घूमने-फिरने की
सूचना को भी आरटीआई में देने से मना कर दिया है. लखनऊ स्थित समाजसेविका
और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा बीती 18 जुलाई को  अमिताभ के
कार्यालय नागरिक सुरक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश में दायर की गई आरटीआई पर
निदेशालय के जन सूचना अधिकारी मोहन चन्द्र काण्डपाल द्वारा बीती 14 अगस्त
को और प्रथम अपीलीय अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा बीती 03 अक्टूबर को दिए
गए जबाबों से यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है.


एक्टिविस्ट उर्वशी ने अपने आरटीआई आवेदन में लिखा था कि उत्तर प्रदेश
नागरिक सुरक्षा निदेशालय में कार्यरत संयुक्त निदेशक, महानिरीक्षक अमिताभ
ठाकुर ( आई.पी.एस.) विगत 15 जुलाई 2019 दिन सोमवार  को सरकारी कार्यावधि
में जिला न्यायालय परिसर में थे और इस दिन अमिताभ की जिला न्यायालय परिसर
में सरकारी कार्यावधि में उपस्थिति सरकारी/आधिकारिक  अथवा निजी होने;
ठाकुर को इस दिन  सरकारी कार्यावधि में जिला न्यायालय परिसर जाने के लिए
उनके  कार्यालय के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकृत किये जाने के लिए आदेश
निर्गत/जारी किये जाने और इस दिन अमिताभ द्वारा  सरकारी कार्यावधि में
जिला न्यायालय परिसर जाने के लिए  कार्यालय से अवकाश लेने या बिना अवकाश
लिए ही अदालत चले जाने की सूचना माँगी थी जिस पर  मोहन चन्द्र काण्डपाल
ने ने लिखा कि माँगी गई सूचना तृतीय पक्ष की सूचना है और सूचना देने से
इनकार कर दिया. इस पर उर्वशी ने बीते 5 सितम्बर को अमिताभ ठाकुर को अपील
भेजी जिसमें उर्वशी ने लिखा “ मेरे द्वारा माँगी गई आरटीआई के किसी भी
बिंदु की सूचना तृतीय पक्ष की सूचना नहीं है अपितु लोकसेवक के लोक
क्रियाकलाप की सूचना है जो आरटीआई के अंतर्गत प्रगटन से छूट प्राप्त
श्रेणी की सूचना भी नहीं है l इस प्रकार जन सूचना अधिकारी ने गलत आधार पर
सूचना देने से मना किया है  अतः सूचना पाने के लिए यह अपील प्रेषित की जा
रही हैl..

उर्वशी ने इस सम्बन्ध में सबाल उठाया है कि अगर सूबे के सभी लोकसेवक
सरकारी खर्चों का हिसाब न दें तथा   ऑफिस टाइम में अमिताभ ठाकुर की तरह
अपने निजी कामों से घूमना-फिरना शुरू कर दें और इस सम्बन्ध में सरकार कोई
जबाबदेही नियत न कर सके तो पूरे सूबे में भ्रष्टाचार का बोलवाला होने के
साथ-साथ सूबे की सभी सरकारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जायेंगी और आम जनता
त्राहि-त्राहि करने लगेगी. समाजसेविका उर्वशी ने इस आरटीआई के आधार पर
शिकायत दर्ज कराने की बात कही हैl